Sunday, May 5th, 2024

सभी NRI विद्यार्थी लेंगे SGSITS इंदौर से इंजीनियरिंग की डिग्री

भोपाल
एजुकेशन के हब रूप में विकसित हुई राजधानी पर अब एनआरआई विद्यार्थियों को रास नहीं आ रही है। विगत आठ वर्षों में श्री गोविंद सेकसनिया इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालाजी एंड साइंस (एसजीएसआईटीएस) एसजीएसआईटीएस एक उत्कृष्ट कालेज बनकर उभरा है, जिसमें एनआरआई काउसिलिंग में सभी छह विद्यार्थियों ने दखिला लिया है। एनआरआई कोटे में पहली बार इतनी कम संख्या में प्रवेश हुए हैं। ये पहला मौका है जब सभी प्रवेश सिर्फ एक ही संस्थान में हुए हैं। जबकि गत वर्ष 21 में से दस विद्यार्थियों ने प्रवेश दिया था। एसजीएसटीआईटीएस में एमआईटीएस ग्वालियर में दाखिले हुए थे।

इंजीनियरिंग में एनआरआई कोटे में प्रवेश देने डीएविवि इंदौर, एमआईटीएस ग्वालियर, एनसीटीई भोपाल और एसजीएसआईटीएस इंदौर को 150 सीटों दी गई थीं। एनआरआई काउंसलिंग में कुल सीटें दस फीसदी 5 छात्रों ने आवेदन किए थे। इसमें छह के पुख्ता दस्तावेज होने के कारण प्रवेश दे दिए गए हैं। जबकि शेष नौ विद्यार्थी काउंसलिंग तक पहुंचे ही नहीं। अब उक्त नौ विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं मिल पाएगा। इससे राज्य के आधा दर्जन कालेजों की 144 सीटें रिक्त रह जाएंगी। मतलब चार फीसदी एडमिशन के बाद 96 फीसदी सीटें रिक्त रहेंगी।

यहां भी कम्प्यूटर साइंस का जलवा
जीएसआईटीएस में छह प्रवेश हुए हैं। इसमें से पांच कम्प्यूटर साइंस और एक दाखिला आईटी हुआ है। जबकि गत वर्ष सभी दस प्रवेश एसजीएसआईटीएस में हुए थे। वर्तमान में चल रही इंजीनियरिंग की काउंसलिंग में सीएस ब्रांच को होकर विद्यार्थियों में फीवर चढ़ा हुआ है। वे हर हाल में सीएस ब्रांच में दाखिल लेकर डिग्री पूरा करना चाहते हैं।

सबसे आगे कुबेत
इंदौर में तीन सबसे ज्यादा नाईजीरिया से आए एनआरआई विद्यार्थियों ने सीएस प्रवेश लिए हैं। वहीं दो साउदी अरब और एक विद्यार्थी इंडोनेसिया से शामिल हैं। गत वर्ष पांच कुबेत, दो ओमान, थाईलैंड, साउदी अरेबियन, नाईजीरिया, यूएई के विद्यार्थियों ने प्रवेश लिए थे। दो साल पहले नाईजीरिया, कुबेत, ओमान, कतार, आबुधाबी, बेहरीन, ओमान तक से प्रवेश आए थे। इसके पहले सिंगापुर, इंडोनेशिया और बांग्लादेश पर प्रदेश की इंजीनियरिंग का असर था।   

 

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